Puliyabaazi

जिंदगी के सबक खेल खेल में। The Philosophy of Sports ft. Nandan Kamath

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Sinopsis

ओलंपिक खेल के इस अवसर पर हमने सोचा कि क्यों न खेल कूद पर ही एक पुलियबाज़ी हो जाये। हमारे समाज को खेल की चिंता क्यों करनी चाहिए? खेल समाज के लिए एक दर्पण की तरह काम करता है, जो उसके मूल्यों, आकांक्षाओं और चुनौतियों को दर्शाता है। इसके अलावा, खेल एक जीवंत प्रयोगशाला की तरह है जहाँ मानवीय क्षमता और मानदंडों की सीमाओं को चुनौती दी जा सकती है और उन्हें फिर से परिभाषित किया जा सकता है। इस पुलियाबाज़ी में हमारे साथ जुड़ते हैं नंदन कामत जो एक वकील हैं और एक खिलाड़ी रह चुके हैं। उनकी किताब Boundary Lab के ज़रिये वे हमें खेल की प्रयोगशाला में हो रहे कई प्रयोगों से रूबरू कराते हैं। और इन प्रयोगों से निकलते हैं कुछ सबक, सिर्फ खेल प्रशासन से जुड़े ही नहीं पर जिंदगी के फलसफे से जुड़े भी। तो इस पुलियाबाज़ी को सुनियेगा ज़रूर। As people worldwide watch the Olympics, we take this opportunity to contemplate the importance of sports in our lives. Sports serve as a mirror to society, reflecting its values, aspirations, and challenges. Moreover, sports is like a live laboratory where the boundaries of human capacity and norms can be chal